इलायची का जबरदस्त घरेलु नुस्खे हर बिमारी के लिये रामबाड़

देसी घरेलु नुस्खे-बड़ी इलायची

परिचय :

इलायची अत्यंत सुगन्धित होने के कारण मुंह की बदबू को दूर करने के लिए बहुत ही प्रसिद्ध है। इसको पान में रखकर खाते हैं। सुगन्ध के लिए इसे शर्बतों और मिठाइयों में मिलाते हैं। मसालों तथा औषधियों में भी इसका प्रयोग किया जाता है। इलायची दो प्रकार की होती है। छोटी और बड़ी। छोटी इलायची मालाबार और गुजरात में अधिक पैदा होती है, और बड़ी इलायची उत्तर प्रदेश व उत्तरांचल के पहाड़ी क्षेत्रों तथा नेपाल में उत्पन्न होती है। दोनों प्रकार की इलायची के गुण समान होते हैं। छोटी इलायची अधिक सुगन्ध वाली होती है।

विभिन्न रोगों में सहायक :

1. सिर दर्द : इलायची को पीसकर सिर पर लगाने से सिर दर्द दूर हो जाता है। इसके चूर्ण को सूंघने से भी सिर दर्द दूर हो जाता है।

2. पेट दर्द के लिए : 2 इलायची को पीसकर शहद में मिलाकर खाने से पेट का दर्द दूर हो जाता है।

3. खांसी, दमा, हिचकी :

इलायची खाने से खांसी, दमा, हिचकी आदि रोगों से छुटकारा मिलता है।
इलायची, खजूर और अंगूर को शहद में चाटने से खांसी, दमा और कमजोरी दूर होती है।

4. मूत्रकृच्छ (पेशाब में कष्ट) :

इलायची को दूध के साथ लेने से पेशाब की जलन दूर होती है तथा पेशाब खुलकर आता है।
इलायची के दाने का चूर्ण शहद में मिलाकर पीने से मूत्रकृच्छ (पेशाब में जलन) दूर हो जाता है।
30-30 ग्राम इलायची और बांसकपूर लेकर चन्दन के तेल में घोंटकर उसकी 14 गोलियां बनाकर सेवन करने से मूत्रकृच्छ (पेशाब में जलन) के रोग में लाभ होता है।

5. पथरी : पथरी होने पर इलायची का सेवन करने से लाभ मिलता है।

6. रक्तपित्त : सुबह उठते ही खाली पेट रहकर 2 इलायची रोजाना चबाएं इसके बाद ऊपर से दूध या पानी पियें। इससे रक्तपित्त में लाभ मिलता है।

7. नेवले का विष : इलायची का चूर्ण दही के साथ सेवन करने से नेवले का जहर उतर जाता है।

8. शक्ति एवं रोशनी वर्द्धक : 50-50 ग्राम इलायची के दाने, बांस, कपूर और बादाम को भिगोकर छान लेते हैं। इन्हें 50 ग्राम पिस्तों के साथ पत्थर पर बारीक पीसकर 2 लीटर दूध में पकाएं। पकने के बाद इसका हलुआ जैसा होने पर उसमें 20 ग्राम चांदी का वर्क मिलाएं। इसे रोजाना 10-20 ग्राम सेवन करने से आंखों की रोशनी तेज होती है और शारीरिक शक्ति बढ़ती है।

9. घबराहट व जी मिचलाना : इलायची के दानों को पीसकर खाने से या शहद में मिलाकर चाटने से घबराहट व जी मिचलाना दूर हो जाता है।

10. वमन (उल्टी) :

1-2 ग्राम इलायची के दानों का चूर्ण अथवा 5 बूंद इलायची के तेल को अनार के शर्बत में मिलाकर चाटने से जी मिचलाना और उल्टी होना बंद हो जाता है।
इलायची को छिलके के साथ जलाकर 600 मिलीग्राम भस्म शहद के साथ बार-बार चाटने से कफजन्य उल्टियां आना बंद हो जाती हैं।